संदेश

अगस्त, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Poem on sister in hindi ~ काश सच में तुम मेरे साथ होती

चित्र
Poem on sister in hindi ~ काश सच में तुम मेरे साथ होती  Poetry for sister in hindi, बहन पर कविता ❣️ Hello dear friends, welcome again all of you again in my poetry blog ,poetic flavour  Where i share some interesting hindi poems and hindi quotes with all of you 🖋️🖋️ Today i want to share a Poetry , which is very close to my heart, its a message and my wishes to my imaginary sister .who live in my heart and my dreams..which never come true, so please read this Poetry and feel the beautiful connection between a brother and his sister ❣️ A message for my imaginary sister लेखक ~ रविन्द्र भारतीय ❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️ काश ..सच में तुम मेरे साथ होती दुख दर्द कोसों दूर होते, बस चारों और खुशियों की सौगात होती मैं मौन  हो जाता कभी, तो भी तुम मुझे सुन लेती मैं खो जाता कहीं मंजिल को तलाशते तलाशते पर मेरा हाथ पकड़ हजारों की भीड़ में से तुम मुझे  चुन लेती। कहीं बार अंधेरों से डर लगता है नींद भी नहीं आती है बहुत बेचैन सा हो जाता हूं काश उस वक्त तुम मां बन मुझे सुलाती और मैं सो जाता। ऐसी प्यार और स्नेह से

हां मै देशभक्त नहीं हूं~ desh bhakti kavita in hindi

चित्र
  हां मैं देशभक्त नहीं हूं ~ poem about independence day  नमस्कार दोस्तो poetic Flavour मैं आप सभी का फिर से स्वागत है, आशा करता हूं आप सब ठीक होंगे ,खुशहाल होंगे । आप और आपके परिवार को  स्वतंत्रता दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं ❣️❣️ जय हिन्द ,जय भारत 🇮🇳🇮🇳 स्वतंत्रता दिवस पर हिन्दी कविता Poem on independence day , Patriotic hindi poem, desh bhakti kavita                       हां मै देशभक्त नहीं हूं                                                 लेखक~ रविन्द्र भारतीय ..............***********************...............   हां मैं देशभक्त  नहीं हूं, तुम्हारी तरह धर्म जाती के झगडे में उबलता रक्त नहीं हू। बेशक मेरा दिल भी रोज वंदे मातरम बोलता है देश के दुश्मनों के लिए मेरा लहू भी खोलता है, लेकिन देशभक्ति के नाम पर किसी का खून बहा दूं, इतना भी सख्त नहीं हू हां मैं देशभक्त नहीं हूं। क्योंकि मैं तुम्हारी तरह वो देशभक्ति वाले  सोशल मीडिया स्टेट्स नहीं डालता, शायद इसलिए कि मै खुद को , तुम्हारे बनाए देशभक्ति के इन तौर तरीको में नहीं ढालता हर बार तिरंगे को देख अपार होंसला जुटाया है मैंने हां मा