Best motivational poems in hindi

  • प्रेरणादायक कविताएं - best motivational poems in hindi
नमस्कार दोस्तो ,आज मै लेकर आया हूं  कुछ बेहतरीन प्रेरणादायक कविताएं इनमें से कुछ मेरे द्वारा लिखी गई और कुछ अन्य लेखकों द्वारा ,यदि आपके जीवन में भी आजकल निराशा के बादल छाए रहते है, या आपके इरादे भी अब कमजोर होते जा रहे तो यह पोस्ट मैने आपके लिए ही लिखी है ,मुझे विश्वास है कि इन कविताओं के पढ़ने और समझने के बाद जरूर कुछ सकारात्मक असर आपके मन मस्तिष्क पर होगा।

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Motivational poems in hindi


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               #आवाज़ बुलंद कर

हर कोई राह में अडंगे डाल बैठा है तेरे,
तू बस हिम्मत जुटा और अपने मजबूत इरादों की
आवाज़ बुलंद कर।
लहू का तेरा, कतरा कतरा बहेगा 
तन बदन असहनीय पीड़ा सहेगा
फिर भी तू आकाश को गूंजा देने वाली 
वो आवाज़ बुलंद कर।
मर जाना तुम ,पर मारे मत जाना 
तुम उनके हाथो से,
अन्धकार फैला है चारों ओर ,डर मत जाना 
तुम उन काली रातों से।
बस तुम बिजली बन कड़क जाओ ,
शोला कोई आग का बन भड़क जाओ,
जो सपना संजोया था ,वो भले अब टूट गया
माना बहुत कुछ पीछे छूट गया,
पर अब तुम आगे बढ़ जाओ,,
रगो में जुनून भर देने वाली आवाज़ बुलंद कर,
शिखर वो जीत का तुम चढ़ जाओ,,

 लेखक - रविन्द्र_भारतीय

         

        #मौत खड़ी है तुम्हारे सामने

देखो मौत खड़ी है,, तुम्हारे सामने 
पर तुम छु कर उसे ,ज़िन्दगी को चुन लेना
टूटे फूटे ख्वाबों की डोरी से ,,
ख्वाब वो पूरा बुन लेना।
देखो मौत खड़ी है,, तुम्हारे सामने
वो मारेगी तुम्हे ,तुम मर मत जाना
वो डराएगी तुम्हे,तुम डर मत जाना
देखो मौत खड़ी है,,तुम्हारे सामने
अपना होंसला यूं टूटने ना दो ,
हिम्मत से साथ अपना यूं छूटने ना दो,
बीमार तुम हो, तुम्हारे इरादे नहीं
घूंट घूंट मौत का हर दिन यूं आना ,
मालूम है मुझे खौफ पैदा करता है.
चलो एक काम करो....
बूंद बूंद वो मजबूत इरादों का पेय पिया करो,
हर दिन थोड़ा थोड़ा ,उस मौत को मात दिया करो।
देखो मौत खड़ी है , तुम्हारे सामने....

लेखक - रविन्द्र भारतीय


         #तूफानों का हराने का ठाना है,मैने
          
तूफानों का हराने के ठाना है मैने,
हाहाकार है उसका यूं पूरे गगन में
सब कुछ नष्ट करते वो चलता है, 
तेज गति से वो मचलता है,
पर उसे बस एक हवा का झोंका माना है, मैंने
तूफानों को हरानें का ठाना है मैने,
लगता है पेड़ों ने अब हार मान ली है,
ना जाने कितनो की इसने जान ली है
उसकी विनाशलीला में बहुत कुछ टूटा है,
हर तरफ बस उसका ही गुस्सा फूटा है,
कितने पंछियों का उनके घोंसलों से साथ छूटा है
उसकी इस तबाही को बड़े नजदीक से जाना है,मैने
तूफानों को हराने का ठाना है मैने,
चारो तरफ बस एक खौफनाक मंजर है
मेरे सपनो पे उसने घोंपा कोई खंजर है।
इन तूफानी बयारो ने मुझे पूरा झंकझोर दिया 
बड़ी मेहनत से बनाया था जिसे,
उस आशियाने को पल भर में उसने तोड़ दिया
पर फिर भी हार ना मानूंगा, रार ना ठानूंगा
मजबूत होंसलो का एक छाता उसके आगे ताना है मैने
तूफानों का हराने का ठाना है मैने

लेखक - रविन्द्र भारतीय

           
           #हारोगे नहीं तुम..

हरोगे नहीं तुम ,अगर खुद से जीत जाओ
खुद का वार खुद पे ही भारी है
तुमने बस खुद से जंग हारी है
कमजोर ना तुम हो ,ना ही तुम्हारे इरादे कमजोर है
शांति को गायब करता कोई अन्हत शोर है
हारोगे नहीं तुम, अगर खुद से जीत जाओ
तुम्हे हराने वाला कोई और नहीं
मस्तिष्क में उठने वाला वो नकारात्मक विचारों
का ज्वार है।
हर पहर तुम्हे कमजोर करती इन विचारो की बेहिसाब मार है
हारोगे नहीं तुम , अगर खुद से जीत जाओ
खुद को हरा पाओ ,क्या तुझमें इतना साहस नहीं है
कितने मजबूत हो तुम, क्या इसका एहसास नहीं है
महाभारत जो चल रहा है तुम्हारे अन्तर्मन में,
उसे हारोगे नहीं, अगर तुम खुद से जीत जाओ

लेखक - रविन्द्र भारतीय

Motivational Hindi poems from famous 
writers

Motivational poems in hindi


#हिम्मत करने वालो की कभी हार नहीं होती...(हरिवंश राय बच्चन)

लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती.
हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती...
नन्ही चींटीं जब दाना लेकर चढ़ती है...
चढ़ती दीवारों पर सौ बार फ़िसलती है.
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है...
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना, ना अखरता है.
मेहनत उसकी बेकार हर बार नहीं होती.
हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती..
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है...
जा जा कर ख़ाली हाथ लौटकर आता है..
मिलते ना सहज ही मोती गहरे पानी में...
बढ़ता दूना विश्वास इसी हैरानी में...
मुट्ठी उसकी ख़ाली हर बार नहीं होती...
हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती...
असफलता एक चुनौती है... स्वीकार करो...
क्या कमी रह गयी, देखो और सुधार करो...
जब तक ना सफल हो नींद-चैन को त्यागो तुम...
संघर्षों का मैदान छोड़ मत भागो तुम...
कुछ किये बिना ही जयजयकार नहीं होती...
हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती..


#मौत से ठन गई -अटल बिहारी वाजपेयी 

ठन गई! 
मौत से ठन गई! 
जूझने का मेरा इरादा न था, 
मोड़ पर मिलेंगे इसका वादा न था, 
रास्ता रोक कर वह खड़ी हो गई, 
यों लगा ज़िन्दगी से बड़ी हो गई। 
मौत की उमर क्या है? दो पल भी नहीं, 
ज़िन्दगी सिलसिला, आज कल की नहीं। 
 मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूँ, 
लौटकर आऊँगा, कूच से क्यों डरूँ? 
तू दबे पाँव, चोरी-छिपे से न आ, 
सामने वार कर फिर मुझे आज़मा। 
मौत से बेख़बर, ज़िन्दगी का सफ़र, 
शाम हर सुरमई, रात बंसी का स्वर। 
बात ऐसी नहीं कि कोई ग़म ही नहीं, 
दर्द अपने-पराए कुछ कम भी नहीं। 
प्यार इतना परायों से मुझको मिला, 
न अपनों से बाक़ी हैं कोई गिला। 
हर चुनौती से दो हाथ मैंने किये, 
आंधियों में जलाए हैं बुझते दिए। 
आज झकझोरता तेज़ तूफ़ान है, 
नाव भँवरों की बाँहों में मेहमान है। 
पार पाने का क़ायम मगर हौसला, 
देख तेवर तूफ़ाँ का, तेवरी तन गई। 
मौत से ठन गई।


#सफलता खोज लूँगा( अजय पाठक)

तुम मुझे दुख-दर्द की सारी विकलता सौंप देना,
मैं घने अवसाद में अपनी सफलता खोज लूँगा!

मैं सफ़र में चल पड़ा हूँ,
दूर जाऊँगा समझ लो।
व्यर्थ है आवाज़ देना,
आ न पाऊँगा समझ लो।
जोगियों से मन लगाना,
छोड़ दो मुझको बुलाना।
राह में दुश्वारियाँ हो. . . मैं सरलता खोज लूँगा,
मैं घने अवसाद में अपनी सफलता खोज लूँगा!

एक रचनाकार हूँ,
निर्माण करने में लगा हूँ।
मैं व्यथा का सोलहों-
सिंगार करने में लगा हूँ।
यह कठिन है काम लेकिन,
श्रम अथक अविराम लेकिन।
इस थकन में ही सृजन की मैं सबलता खोज लूँगा।
मैं घने अवसाद में अपनी सफलता खोज लूँगा!

फूल की पंखुड़ियों पर,
चैन से तुम सो न पाए।
जग तुम्हारा हो गया पर,
तुम किसी के हो न पाए।
तुम अधर की प्यास दे दो,
या सुलगती आस दे दो।
मैं हृदय की फाँस में अपनी तरलता खोज लूँगा,
मैं घने अवसाद में अपनी सफलता खोज लूँगा!

रात काली है मगर यह,
और गहरी हो न जाए।
फिर तुम्हारी चेतनायें,
शून्य होकर खो न जाए।
इसलिए मैं फिर खड़ा हूँ,
स्याह रातों से लड़ा हूँ।
मैं तिमिर में ही कहीं, सूरज निकलता खोज लूँगा।
मैं घने अवसाद में अपनी सफलता खोज लूँगा!

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