Ek Alag Najariya?

एक शहर में कोई चंदू नाम का एक गरीब आदमी होता हैं । जो अपनी गरीबी के  कारण काफी परेशान सा रहता हैं ,एक दिन चंदू घर का कुछ  सामान खरीदने के लिए अपनी पुरानी खटारा साईकिल लेकर बाजार जाता हैं ,बीच रास्ते में चंदू की नजर एक चमचमाहट करती हुई कार पर पड़ती हैं ,चंदू कार और उसमे बैठे आदमी को टकटकी लगाए देखता ही रहता हैं ,वो उस कार को ऐसे देखता हैं जैसे कोई ख्वाब है जो कभी पूरा नहीं हो सकता ,वैसे चंदू जब भी बाहर जाता हैं वो अक्सर ऐसे नजारो में खो जाता है ,क्यूंकि जब भी वो अमीरो को देखता हैं उसे एक गहरी सी खाई महसूस होती हैं जिसे भर पाना उसके लिए नामुमकिन है ,उसे लगता हैं खुशियों का सीधा सा तालुक्क पैसो से हैं ,जिसके पास जितना पैसा होता हैं ,वो आदमी उतना ही खुश  रहता हैं ,,पर क्या चंदू की यह सोच सही है? की  पैसो का खुशियों से कोई तालुक्क हैं, या जिसके पास धन हैं वो ही अमीर हैं ?  चलिए अब चंदू जिस आदमी को वहां सड़क पर देख रहा था उसकी जिंदगी को समझने की कोशिश करते है ,जब वो आदमी  कार लेकर अपने office को जा रहा था तो सड़क के किनारे कुछ घर के बाहर कुछ लोग गपे मार रहे थे ,कुछ अपने बच्चो के साथ खेल रहे थे ,वो आदमी ऐसे नज़ारे देख भावुक हो जाता हैं  उसे अपनी ज़िंदगी कुछ खाली सी दिखाई देती हैं  जिसमे पैसा बहुत है पर  सुकून और प्यार बहुत कम हैं, वो मन ही मन सोचता हैं  की यह लोग कितने खुशनसीब हैं ,कितने खुश है ,जबकि मेरी जिंदगी में अपने परिवार के लिए भी समय नहीं है , सुबह से शाम बस भागदौड़ हैं ,सुकुन और संतुष्टि नहीं है ,,  उस अमीर आदमी की ऐसी सोच से यह जरूर समझ आता हैं की  ,पैसो से बहुत कुछ खरीदा जा सकता हैं पर सुकून और खुशिया कतई नहीं। यहाँ दोनों की कहानियो को घोर से समझने पर पता चलता हैं  की उन दोनों की मनोदशा एक ही जैसी हैं ,वे उन चीज़ो के लिए दुखी हो रहे हैं ,,जो उनके पास अभी नही हैं ,वैसे हम में से कहीं लोग हमेशा उन वस्तुओ की तरफ भागते है जो अभी हमारे हाथ में नहीं  हैं , हाँ ठीक है सभी को सपने देखने चाइये ,पर इसका मतलब यह नहीं की जो हमारे पास जो आज हैं उन्हें भुला दे और सिर्फ उनके लिए दुखी होते रहे जो हमारी पहुंच से दूर है ,,       

                                        सब नजरिये का  कमाल हे जनाब ,नजरिया सही हो तो गरीब भी अमीर

                                        और गलत नजरिया हो तो अमीर भी गरीब नजर आता  है ,,

                             
                                                                                                                      -ravindra_bhartiya 😄😉
                                                                                                                         

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

असंभव को संभव बनाने ,मै चल पड़ा हूँ।

ईश्वर

सोचा है कभी - hindi poem about depression