सोचा है कभी - hindi poem about depression
सोचा है कभी / socha hai kabhi -hindi poem about depression & mental illness Namstey friends welcome again on poetic flavour डिप्रैशन एक ऐसी बीमारी है, जो हर मिनट लोगो की जान लेती जा रही है पर अफसोस यह है कि हमारे देश में इस पर कोई भी बात नहीं करना चाहता ,क्यूंकि ज्यादातर लोगो को पता ही नहीं है कि जैसे शरीर से सम्बन्धित बीमारियां होती है वैसे ही कुछ दिमाग या मन से सम्बन्धित बीमारियां भी होती है,और डिप्रैशन भी उसी तरह की एक मानसिक बीमारी है और इसे एक बीमारी की तरह ही देखा जाना चाहिए ,जिसका इलाज संभव है... खैर आज मै यहां पर आपसे डिप्रैशन क्यों होता है ,क्या कारण है ..उनकी बात नहीं करने आया हूं, मै सिर्फ एक सवाल लेकर आया हूं कि किसी आदमी के मरने के बाद ही सब कुछ क्यों याद आता है लोगो को, जो इंसान अब इस दुनिया में है हि नहीं उसकी कितनी भी तारीफ करो या उससे कितना भी प्यार करो ,,कुछ फ़र्क नहीं पड़ता है , कुछ लोग तो यहां तक कहते है कि डिप्रैशन के कारण आत्महत्या करने वाले लोग बुजदिल ,और कायर होते है, यदि ऐसा है तो 10 लाख लोग हर साल डिप्रेशन के कारण अपनी जान गंवा बैठते है,त...
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जवाब देंहटाएंमाँ से ही जाना था चलना
जवाब देंहटाएंमाँ से सीखा कम में ढलना
माँ ने सिखलाया था हर ढंग
माँ से जाने जीवन के रंग
माँ की ममता ने समझाया
कैसे सब पर प्यार लुटाते
माँ से ही तो सीखा हमने
कैसे रिश्ते सभी निभाते..
माँ माँ है सब सह लेती है
पर कभी नही उसका मन छलना...
माँ से ही जाना था चलना
माँ से सीखा कम में ढलना
Plz My own youtube channel
https://www.youtube.com/c/ankitshuklapoetryworld
Nice poem...
हटाएंAnd thnq for comment