खुद से खुद की जंग (Motivational poem)


  • खुद से खुद की जंग (Motivational poem)
Hello friends today I have brought a very inspirational and motivational hindi poem for all of you, 
Let's start..

हमसफ़र कोई ना है तुम्हारा, तुम्हें खुद सफर तय करना होगा,
माना राह कठिन है, पर तुम्हें आगे बढ़ना होगा।
आगे खुद के ही कुछ विचार बैरी बन बैठे हैं, तुम्हें योद्धा बन उन्हें हराना होगा।
विचारो की इस कशमकश ने ,तुम्हे हर बार खूब उदास किया,पर इस बार तुम्हे इस उदासी को दूर भगाना होगा।
इशफ़ाक की उम्मीद अब लोगों से छोड़ बस खुद से इतिहाद कर ,
और तुम्हे खुद के बनाए इस बैरी से छुटकारा पाना होगा।
रात होने से ,सूरज छिपता जरूर है पर खत्म नहीं हो जाता 
तुम्हे रात के इस अंधेरे को खतम कर ,सुबह का सूरज लाना होगा।
हौसला चट्टानों सा रख कर ,खुद को हिमालय बनाना होगा
थोड़ा दिमाग में झोलझाल जरूर है पर तुम कातिल थोड़ी हो , जो इतना घबराते हो,
बस रण का अब ऐलान कर ,सारे डर छोड़ अपना परचम लहराना होगा।
चलचित्र का कोई नायक नहीं आयेगा तुम्हे बचाने को ,तुम्हे ही अब  खुद को बचाना होगा ।
समझने समझाने की बाते अब छोड़ दे , मन में है जो भ्रम उन्हें अब तोड़ दे ,
खैर तुम्हे कोई नहीं समझेगा यहां ,बस तुम्हे ही खुद को समझाना और समझना होगा।
दुश्मन विचारो के गोले बारूद लेकर खड़ा है ,पर तुम्हे निहत्थे ही इस जंग को जीतना होगा।

#जंग_जारी_है


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