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ख्वाबों का मलबा - Ravindra bhartiya

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#ख्वाबों का मलबा  बड़े दिनों बाद खंगाला आज उसे, देखा की.... बहुत कुछ दबा पड़ा था, बिखरे पड़े कुछ ख्वाबों के मलबे में.. यादें थी कुछ, कुछ फरियादें थी तस्वीरे थी कुछ... कुछ तअस्सुर था अभी भी उनका कुछ किताबे पड़ी थी..  जिनमें कविताएं थी ,कुछ नग्मे थे, कुछ गीतों की गुनगुनाहट थी दबी दबी सी आवाज थी  कुछ अल्फाज थे.. और कुछ होंठो की फड़फड़ाहट थी देखते देखते ना जाने कब झरने की तरह विचारो की दुनिया में  उझला गया मैं, मन मस्तिष्क की अथाह गहराइयों में उतरता चला गया मै, देखा की ढेरी पड़ी थी मलबे की दबे पड़े थे एहसास कुछ  और जो चुकाने बाकी  रह गए  वो एहसान दबे थे, लड़ाईयां थी  ,कुछ झगड़े थे  कुछ पत्थर थे.. उनके बीच पड़े दिल के टुकड़े दबे पड़े थे कुछ सवाल जो अरसो से दबे थे , लगता हैं वो मलबा कोई जवाब था टूटता गया ,बिखरता गया जो वक्त के साथ वो मलबा कोई ख्वाब था। Thanku so much for visiting our website ❤️ Like share and comment ✨👍

Poem on sister in hindi ~ काश सच में तुम मेरे साथ होती

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Poem on sister in hindi ~ काश सच में तुम मेरे साथ होती  Poetry for sister in hindi, बहन पर कविता ❣️ Hello dear friends, welcome again all of you again in my poetry blog ,poetic flavour  Where i share some interesting hindi poems and hindi quotes with all of you 🖋️🖋️ Today i want to share a Poetry , which is very close to my heart, its a message and my wishes to my imaginary sister .who live in my heart and my dreams..which never come true, so please read this Poetry and feel the beautiful connection between a brother and his sister ❣️ A message for my imaginary sister लेखक ~ रविन्द्र भारतीय ❣️❣️❣️❣️❣️❣️❣️ काश ..सच में तुम मेरे साथ होती दुख दर्द कोसों दूर होते, बस चारों और खुशियों की सौगात होती मैं मौन  हो जाता कभी, तो भी तुम मुझे सुन लेती मैं खो जाता कहीं मंजिल को तलाशते तलाशते पर मेरा हाथ पकड़ हजारों की भीड़ में से तुम मुझे  चुन लेती। कहीं बार अंधेरों से डर लगता है नींद भी नहीं आती है बहुत बेचैन सा हो जाता हूं काश उस वक्त तुम मां बन मुझे सुलाती और मैं सो जाता। ऐसी प्यार और स्नेह से

हां मै देशभक्त नहीं हूं~ desh bhakti kavita in hindi

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  हां मैं देशभक्त नहीं हूं ~ poem about independence day  नमस्कार दोस्तो poetic Flavour मैं आप सभी का फिर से स्वागत है, आशा करता हूं आप सब ठीक होंगे ,खुशहाल होंगे । आप और आपके परिवार को  स्वतंत्रता दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं ❣️❣️ जय हिन्द ,जय भारत 🇮🇳🇮🇳 स्वतंत्रता दिवस पर हिन्दी कविता Poem on independence day , Patriotic hindi poem, desh bhakti kavita                       हां मै देशभक्त नहीं हूं                                                 लेखक~ रविन्द्र भारतीय ..............***********************...............   हां मैं देशभक्त  नहीं हूं, तुम्हारी तरह धर्म जाती के झगडे में उबलता रक्त नहीं हू। बेशक मेरा दिल भी रोज वंदे मातरम बोलता है देश के दुश्मनों के लिए मेरा लहू भी खोलता है, लेकिन देशभक्ति के नाम पर किसी का खून बहा दूं, इतना भी सख्त नहीं हू हां मैं देशभक्त नहीं हूं। क्योंकि मैं तुम्हारी तरह वो देशभक्ति वाले  सोशल मीडिया स्टेट्स नहीं डालता, शायद इसलिए कि मै खुद को , तुम्हारे बनाए देशभक्ति के इन तौर तरीको में नहीं ढालता हर बार तिरंगे को देख अपार होंसला जुटाया है मैंने हां मा

Interesting image quotes about Life in hindi

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Interesting image quotes about Life Download free image quotes on life in hindi and english . Tags: #image_quotes #quotes about life #love quotes #hindi quotes #english quotes #hindi quotes about Life #sad hindi quotes #emotional lines #hindi words #unique quotes                         लेखक - रविन्द्र भारतीय तारीफे जब भी ज्यादा होने लगती है मेरी, नब्ज पे हाथ रख कर देख लेता हूं की जिंदा हूं के नहीं।  वो अंदर से आवाजें लगाते रहा, और तुम उसके खामोश होने का दावा करते रहे, दोस्त नहीं थे तुम,महज दोस्त होने का दिखावा करते रहे।   बादलों ने जमीं से इस क़दर मोहब्बत की बेशक मिलने को तरसता रहा, पर फिर भी उसका प्यार मूसलाधार बरसता रहा। पाठ जो सिखाते रहे तुम मुझे, वो किताबों से अनजान था। #inspirational quotes फर्क था उसके और मेरें इरादों में उसे बड़ा आदमी बनना था और मुझे बड़ा इंसान। फर्क बस इतना सा था , हम दोनों में  मैं झोंपड़ियों में जिंदा रह गया और वो इमारतों में भी मरता रहा। #mysterious and sad quotes यूं कोई बड़े नाम वाला आज गुमनाम हु

Tum kahan gum ho - poetry dedicated to my brother

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तुम कहां गुम हो / tum kahan gum ho Hindi Poetry for my brother A message from your beloved little brother                            #तुम कहां गुम हो  तुम कहां गुम हो! घर का हर एक कमरा, ऊपर- नीचे सब जगह तलाशा तुम्हे सिर्फ तुम्हारी पुरानी तस्वीरें मिली, उनसे जुड़ी कुछ टूटी बिखरी यादें भी मिली ,पर  तुम कहीं भी ना मिले। आखिर तुम कहां गुम हो! सब कुछ खामोश सा है.. यहां कहीं अरसो से तुम्हारे जाने के बाद ,इस सूखे रेगिस्तान में बिल्कुल बारिश नहीं हुई है ,पिछले कहीं बरसो से। सब कुछ सूखा सूखा सा है , अनन्त गमो का सैलाब हमारे पीछे छोड़ , तुम कहां गुम हो! रोज दूर गगन में देर रात तक देखता रहता हूं जिसे क्या वो तारा तुम हो। तुम्हे पाने के लिए कभी  हवाओं को छूकर देखा, तो कभी खुद को धूप में सेंखा, ना जाने कितनी बार तुम्हारी रूह को महसूस किया पर तुम कभी दिखाई नहीं दिए आखिर तुम कहां गुम हो! हार टंगा देख तुम्हारी एक तस्वीर पे मै कैसे मान लूं ,वो तुम हो पता नहीं लोग क्यों कहते है कि  मै तुमसे कभी मिल नहीं पाऊंगा, आखिर ऐसे तुम मुझे छोड़ कहां गुम हो! मेरी धड़कने चलती है जिस जगह  क्या महज अब वहीं पे तुम हो?

सोचा है कभी - hindi poem about depression

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सोचा है कभी / socha hai kabhi -hindi poem about depression & mental illness Namstey friends welcome again on poetic flavour    डिप्रैशन एक ऐसी बीमारी है, जो हर मिनट लोगो की जान लेती जा रही है पर अफसोस यह है कि हमारे देश में इस पर कोई भी बात नहीं करना चाहता ,क्यूंकि ज्यादातर लोगो को पता ही नहीं है कि जैसे शरीर से सम्बन्धित बीमारियां होती है वैसे ही कुछ दिमाग या मन से सम्बन्धित बीमारियां भी होती है,और डिप्रैशन भी उसी तरह की एक मानसिक बीमारी है और इसे एक बीमारी की तरह ही देखा जाना चाहिए ,जिसका इलाज संभव है... खैर  आज मै यहां पर आपसे डिप्रैशन क्यों होता है ,क्या कारण है ..उनकी बात नहीं करने आया हूं, मै सिर्फ एक सवाल लेकर आया हूं कि किसी आदमी के मरने के बाद ही सब कुछ क्यों याद आता है लोगो को, जो इंसान अब इस दुनिया में है हि नहीं उसकी कितनी भी तारीफ करो या उससे कितना भी प्यार करो ,,कुछ फ़र्क नहीं पड़ता है , कुछ लोग तो यहां तक कहते है कि डिप्रैशन के कारण आत्महत्या करने वाले लोग बुजदिल ,और कायर होते है, यदि ऐसा है तो 10 लाख लोग हर साल डिप्रेशन के कारण अपनी जान गंवा बैठते है,तो इतने सारे लो

पतझड़ सा क्यों हुआ है - emotional hindi poetry

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पतझड़ सा क्यों हुआ है - emotional hindi poetry नमस्कार दोस्तो आप सभी का आज फिर स्वागत है ,हमारे इस ब्लॉग "poetic flavour" में , जहां पर मै अपनी भावनाए आप सबके साथ साझा करता हूं,और उसके बदले में आप सबका ढेर सारा प्यार मुझे मिलता है। आज जो कविता आपके लिए लेकर आया हूं ,यह दरअसल  मन में कुछ विचार हिचकोले खा रहे थे, जिनको शब्दों में पिरो कर आप सबके सामने पेश करने की कोशिश की है ,उम्मीद करता हूं आपको मेरा यह प्रयास अच्छा लगेगा ,  तो आइए शुरू करते है   Hello friends, welcome to you all today, in our blog "poetic flavour", where I share my feelings with you, and in return, I get a lot of love from you all.  The poem that I have brought for you today, it was actually some thoughts going on in the mind that have tried to present it to you by threading them into words, I hope you will like my effort,  So let's get started   # patjhad sa kyu Hua hai   बारिशों का यह मौसम,मेरे लिए पतझड़ सा क्यों हुआ है पानी आंखो का हर दिन बरसता है, पर मेरा मन रेगिस्तान सा क्यों हुआ है बिजलिया