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मन करता है - hindi poem about school life

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मन करता है -hindi poem about school life स्कूल की यादें हम सब लोगो के लिए, अविस्मरणीय होती है जो जिंदगी भर जहन में जिंदा रहती है ,ऐसी ही कुछ यादें जो मेरी अपनी स्कूल से जुड़ी हुई है उन्हें आज मै आपके सामने अपनी कविता के माध्यम से ला रहा हूं ,हालांकि जो जिंदगी उस समय थी ,उनको कुछ शब्दों से बयां करना संभव नहीं लेकिन फिर भी मैने कोशिश की है, मैं आशा करता हूं ,आपको यह कविता पसंद आएगी ,और जरूर स्कूल की याद दिलाएगी। School hindi poem ,hindi poem about school life  Let's start... उस गलियारे में फिर से खो जाने का मन करता है,             उन अविस्मरणीय यादों के बहाव में कभी कभी खुशी से थोड़ा रो जाने का मन करता है। उस पुराने थैले को अपने कंधे पे लाद फिर से वहां चलने का मन करता है, उस कक्षा में आज फिर से गाने गुनगुनाने और थोड़ा मचलने का मन करता है। मन करता है , इन यादों से उन बीते हुए पलों को चुन लू और इन पलों से वो सारी खुशियां फिर से बुन लूं। कभी अखबार में चुटकुले पढ़ते पढ़ते मन करता है कि चुटकुलों की वो अंताक्षरी फिर से शुरू हो जाए और मै तुम सब की उस मासूम सी हंसी को एक बार फिर

एक आवाज़ सुनाई देती है मुझे/ I often hear a voice

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अक्सर एक आवाज़ सुनाई देती है मुझे अनदेखा करने कि कोशिश करता हूं उसे फिर भी एक तस्वीर बार बार दिखाई देती है मुझे वैसे तो मैं खामोश रहता हूं , लेकिन अक्सर एक आवाज़ सुनाई देती है मुझे एक अनचाहा शोर मेरे मन मस्तिष्क पे छाया रहता है। पता नहीं किस बात का डर हमेशा मुझपे मंडराया  रहता है। अक्सर एक आवाज़ सुनाई देती है मुझे जैसे गहरी खाई से कोई गूंजती आवाज़ में  चिल्ला रहा हो। उस आवाज़ से खुद को जितना अलग करता हूं, उतना ही लगता  है जैसे कोई मेरा हाथ पकड़ उससे मिला रहा हो। अक्सर एक आवाज़ सुनाई देती है मुझे जो दलदल की तरह है, जिसमे हर बार उलझ कर ,फंस जाता हूं  जहां से बाहर निकलना मुमकिन नहीं होता उतनी गहराई तक धंस जाता हूं।   अक्सर एक आवाज़ सुनाई देती है मुझे जो मेरी शांति भंग करती है, बार बार एक ही एक बात से मुझे तंग करती है। पर फिर भी मैं रुकता नहीं हूं, कोशिश तमाम करती है वो, फिर भी मै झुकता नहीं हूं।   जो अनवरत चलती ही रहती है, मन की गहरी खाई में गूंजती रहने वाली ऐसी एक आवाज़ हर रोज सुनाई देती है मुझे। English_translation I often hear a voice Try to ignore it Still I see a picture

चल हवाओं का रुख मोड़ते चल।

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चल उम्मीदों की डोरी से ख्वाब अपने बुनते चल चल झूठ की इस दुनिया में,सच को चुनते चल। दर्द हे जो सीने में ,उसे सहता चल  चल इस ज़िन्दगी के समन्दर में अपने हौसलों कि नाव में बहता चल। जिन विचारो ने चारों और से घेरा है तुझे  चल अब उन्हें भी अपनाता चल। जो बीच रास्ते में साथ छोड़ चले गए, उनसे अब उम्मीद छोड़ता चल , जिन हवाओं ने सब कुछ उजाड़ा था  चल अब उनका रुख मोड़ता चल। मुश्किल है , मुश्किलात में है जिंदगी अभी चल हिम्मत की लाठी लेे ,और इन्हें हटाता चल, जैसे गणित की बाकी में ,एक संख्या में से दूसरी संख्या घटाते है। चल वैसे ही ज़िन्दगी रूपी इस विशाल संख्या में से  मुसीबत रूपी संख्या को घटाता चल। चल नकारात्मक विचारो के इस भाग को तोड़ता चल और शेषफल जो बच जाए,उसमें सकारात्मक विचारो को जोड़ता चल। बस रुक जाना नहीं, कुछ भी हो झुक जाना नहीं , चल दर्द की इस चिंगारी से सीने में मशाल जला और बस  चलते चल, राह में जो रोड़े बन बैठे है ,चल अब उन्हें मसलते चल।

corona virus or alert ?

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इंसान एक ऐसी स्पिसीज है जिसे धरती पर सबसे बुद्धिमान माना जाता है, इस ग्रह पर जितना विकास इंसानों ने किया है शायद ही किसी और ने किया है। आदिमानव से लेकर आज के इंसान के चांद तक जाने की कहानी काबिले तारीफ है ,इस सभ्यता ने भले बहुत विकास किया है, लेकिन एक कड़वा सच यह भी है कि विकास करने की लालशा में इंसानों ने धरती को हमेशा दर्द ही दिया है। प्रकृति के साथ खिलवाड़ करने में आज का मानव सबसे आगे है,आज इंसानी विकास का धुंआ दिन ब दिन अपनी ही मां का गला घोंट रहा है। आज प्रकृति आए दिन हमें सभल जाने का संकेत देती है । इस बार प्रकृति ने जो हथियार अपनाया है वह 120 नैनो मीटर से भी छोटा है, जिसका नाम है कोविड -19 यानी corona virus disease 2019 । China के बुहान शहर से फैला यह छोटा सा वायरस आज पूरी दुनिया मै फैल चुका है,और अब तक इसने तकरीबन 2 लाख लोगों को मौत के घाट उतार दिया है। यह वायरस कब किसको अपनी आगोश में ले ले,कहना नामुमकिन है। यहीं कारण है कि इसे चुपके से मारने वाला या silent killer कहा जाता है । लेेेेटिन भाषा में कोरोना का अर्थ "मुकुट"होता है ,जब कोरोना वायरस को इलेक्ट्रॉन

एक स्त्री की कहानी।

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कभी माँ के रूप में ,बच्चो को पालती है  तो कभी गृहिणी बन ,घर संभालती हैं।  वो एक हैं ,पर किरदार अनेक हैं उसके  कभी किसी की सहेली हैं ,तो कभी जिसे तुम समझ न पाए वो अनसुलझी पहेली है।  कभी अपने भैया की ,प्यारी बहना   तो कभी पति की पत्नी बन प्यार है ,वो लुटाती  घर में कभी तनाव हो तो ,वो खुशिया हैं जुटाती  जो बेड़ियाँ  उनके पैरो में बंधी हैं  ,उन्हें  एक एक कर तोड़ दिया।, जो समंदर था रास्ते में ,उसे भी निचोड़ दिया।  समाज के बनाये रीति रिवाजो में , वो हमेशा से जलती रही।  राह में रोड़े अनेक हैं उसके , पर वो अपने सपनो के खातिर अनवरत ही चलती रही। 

माँ

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मैं अंश हूँ उसका ,वो मेरी दुनिया  वो रक्त हैं मेरा ,मैं उसका एक कतरा  मैं तो महज शरीर हूँ ,वो मेरी आत्मा  वो कलाकार हैं ,मैं उसकी कलाकृति  मैं सूक्ष्म  बून्द हूँ ,वो विराट समंद्र  वो शिक्षा देने वाली शिक्षिका है  मैं उसका एक साहगिर्द , वो साक्षात् ईश्वर है ,मैं उसका एक पुजारी मैं गुमनाम हूँ ,वो नाम हैं मेरा  हरदम उसकी सेवा करना काम है मेरा , वो अंतहीन  अनंत हैं ,मैं शून्य से शुरुआत  मैं उसकी आँखों का तारा हूँ ,वो मेरा पूरा ब्रह्माण्ड। 

ईश्वर

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मैं अच्छाई हूँ ,बुराई भी मैं हूँ मैं प्यार हूँ ,तो नफरत भी मैं ही हूँ। कभी जो आह्लादित कर दे ,वो ख़ुशी हूँ में कभी जो अश्रु आँख से निकले ,वो जल हूँ मैं मैं सृजन और मैं ही विनाश हूँ सूर्य की पहली किरण से लेकर अंतिम किरण तक चारो और अनंत तक फैला उजाला मैं हूँ । संपूर्ण ब्रह्माण्ड में मैं हूँ ,और संपूर्ण ब्रह्माण्ड मुझमे है उसके बिना मैं नहीं ,और मेरे बिना वो नहीं ईश्वर मैं हूँ ,तो शैतान भी  मैं हूँ तुझमे मैं हूँ तो उसमे भी मैं ही हूँ मैं रचियता ,मैं ही विनाशक हूँ सारी ज़िंदगी मैं हूँ ,तो एक पल की मृत्यु भी मैं ही हूँ। मैं कण कण में हूँ , सुबह से शाम में ,सर्वत्र मैं हूँ। 

असंभव को संभव बनाने ,मै चल पड़ा हूँ।

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असंभव को संभव बनाने ,मै चल पड़ा हूँ  हाँ इतिहास को  बदलने ,मैं निकल पड़ा हूँ मुझे रोकने खड़ी ,तूफानी बयार है  तो मेरे पास भी होंसलो और मजबूत इरादों की सुनामी  तैयार है। चाहे पर्वत भी रोड़ा बन जाये , फिर भी  चलता रहूंगा , ख्वाब आँखों मैं लिए  मचलता  रहूँगा। समंदर  की लहरों ने भी ,अपना रौद्र रूप दिखाकर मुझे रोकने की कोशिशे शुरू कर दी हैं , अब बस बहुत सह लिया इनको ,इन लहरों का रुख मोड़ना हैं, जो बयार इन धाराओं को विशाल लहरे बनाती हैं , उसका गरूर तोडना हैं ,जो  ख्वाब टूट गए थे इस तूफ़ान मैं ,उन्हें एक एक कर फिर से जोड़ना हैं। अब देखना तुम ,आगे ही आगे बढ़ता जाऊँगा  इतिहास के नए अध्याय गढ़ते जाऊंगा  पर्वत क्या चीज़ हैं ,एवेरेस्ट भी चढ़ते जाऊंगा।